सैलाब से सदमा : मौत का बहाव, मलबे में दबी उम्मीदें, हालात बिगड़े तो सेना ने संभाला मोर्चा

सिंधिया के प्रयास से मिली राहत ...तीन की मौत, एक लपता, कलोरा डेम क्षतिग्रस्त होने से तबाही का मंजर, आंखों में आंसू और दिल में डर ...



योगेन्द्र लुम्बा 

गुना [जनकल्याण मेल] जिले में बाढ़ अब सिर्फ पानी की नहीं, दर्द और तबाही की कहानी बन गई है। मंगलवार दिनभर और रातभर भारी बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि लोग अपनी आंखों के सामने जिंदगी उजड़ती देख रो पड़े। कोई अपनी दुकान के बर्बाद हुए सामान को गले लगाकर बैठा रहा तो कोई ढह चुके घर की दीवारों को ताकते हुए अपने सिर पर आसमान का बोझ लिए खड़ा मिला। हालात इतने बिगड़े कि कलोरा बांध की वेस्ट बीयर टूट गई और सेना को मोर्चा संभालना पड़ा। बाढ़ की मार ने दो जिंदगियों को निगल लिया। एक मजदूर पानी के तेज बहाव में बह गया, तो दूसरी ओर कर्नलगंज में एक पक्का मकान धराशायी होकर बुजुर्ग की जान ले गया। इन हादसों ने पूरे जिले को गम और गुस्से में डुबो दिया। लोग अपने ही शहर को पहचान नहीं पा रहे, कहीं दुकानें उजड़ गईं, कहीं आशियाने मिट्टी में मिल गए। हर तरफ अफरा-तफरी है, चेहरे पर थकान है और दिल में सिर्फ यही सवाल—अब आगे क्या ...?

दरअसल जिलेभर में मंगलवार को हुई भारी और बाढ़ का असर लगातार दूसरे दिन भी देखने को मिला। इस दौरान बुधवार को भी रूक-रूक कर बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विभाग के अनुसार पिछले चौबीस घंटे में रिकॉर्ड 323 मिमी बारिश हुई। मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात आधे से ज्यादा शहर बाढ़ की विभीषक रही। अगले दिन बुधवार को लोग बर्बादी के बीच अपनी गृहस्थी और दुकान का सामान बटोरते नजर आए। वहीं लोगों ने रातभर डर के साये में काटा। शहर में ही कई जगहों से लोगों को रेस्क्यू किया गया। रात को प्रशासन ने ऐसे लोगों को उत्कृष्ट विद्यालय सहित अन्य सुरक्षित जगहों पर ठहराया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में घरों में गृहस्थी बर्बाद हो गई। इधर गांवों के हालात तो और भी भयावह है। बमोरी क्षेत्र में कलोरा डेम टूटने की आशंका में सेना की तैनाती करनी पड़ी। सेना ने यहां मोर्चा संभालते हुए रेस्क्यू और राहत कार्य युद्धस्तर पर शुरू किए। बाढ़ के बाद बुधवार को लोग अपनी दुकानें और घरों के हाल देखकर रो पड़े। पुरानी ग़ल्ला मंडी के कई व्यवसायिक संस्थानों में पानी भर गया. जिनसे उन्हें लाखों का कार्तिक नुकसान झेलना पड़ा. वही नानाखेड़ी मंडी गेट पर संचालित एक इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान के हाल यह थे कि उसमें फ्रिज, कूलर, टीवी, एसी, पंखे सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान पानी में तैर रहा था। पास में संचालित एटीएम भी तेज पानी के बहाव में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। जिसमें फंसा लाखों का कैश बर्बाद होने की सूचना है।

मंगलवार को आई बाढ़ में शहर की भगत सिंह कॉलोनी, न्यूसिटी कॉलोनी, नानाखेड़ी, पुरानी छावनी, बूढ़े बालाजी, रपटा, नीचला बाजार, छबड़ा कॉलोनी, राधा कॉलोनी, बांसखेड़ी, आदर्श कॉलोनी, श्रीराम कॉलोनी, कैंट, लूसन का बगीचा, कालापाठा सहित दर्जनों जगहों पर मकान एक-एक मंजिल तक डूब गए। वहीं हाट रोड से लेकर खटीक मोहल्ला, बंगला मोहल्ला आदि क्षेत्र में भी बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई। हाट रोड सहित शहरभर की सडक़ों के बुरे हाल हैं। सडक़ें पूरी तरह उखड़ गई। कर्नलगंज क्षेत्र में मकान ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि एबी रोड से एक व्यक्ति बहाव में बहने के कारण मौत हो गई। जिसका शव बुधवार को मिला। हाट रोड पर लगभग हर दुकान में पानी के सैलाब ने जमकर तबाही मचाई। दुकानदारों के अनुसार पानी के सैलाब ने उन्हें संभलने तक का मौका नहीं दिया। रात 9 बजे तक रपटा का पानी मंडी गेट तक था। 

इधर दूसरे दिन कलेक्टर किशोर कन्याल एवं एसपी अंकित सोनी ने प्रभावित जगहों का दौरा किया। वहीं कई समाजसेवी संगठनों भोजन आदि की व्यवस्था की।

मंगलवार को जिले में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। बमोरी इलाके के कलोरा बांध की वेस्ट बीयर करीब 10 फीट तक टूट गई, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए। स्थिति को गंभीर देखते हुए प्रशासन ने सेना और एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर तैनात किया है। कलोरा बांध की क्षतिग्रस्त बीयर से पानी तेज बहाव के साथ नीचे की ओर फैला, जिससे सिंगापुर, तुमड़ा, कुडक़ा, बनियानी, बंधा, उमरधा सहित राजस्थान सीमा से लगे गांव मामली, बिलोदा और पचलावदा में पानी भर गया। प्रशासन ने इन गांवों में रहने वाले 3,550 लोगों को सतर्क कर दिया है और कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। नानाखेड़ी इलाके में सडक़ों पर करीब पांच फीट तक पानी भर गया है, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल और एसडीएम शिवानी पांडे ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। बताया गया है कि बांध पूरी तरह टूट सकता है, जिसके चलते एनडीआरएफ की टीम ग्वालियर से और सेना की टुकड़ी झांसी के बबीना से बुलाकर तैनात की गई है। 1956 में बना यह जलाशय बमोरी क्षेत्र का एक प्रमुख जलस्रोत है, जिसकी जल भराव क्षमता 4.74 एमसीएम है। जिले के आठ और राजस्थान के तीन गांवों में प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित किया है। बांध के आसपास के क्षेत्रों में ग्रामीणों को बच्चों सहित सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। आपदा की इस स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। इस बारे में बमोरी तहसीलदार देवदत्त गोलिया ने बताया कि अत्याधिक बारिश के कारण जिला प्रशासन के निर्देशन में बंदा ने तुमडा कूडक़ा कलोरा से 150 लोगों को विस्थापित कर फतेहगढ़ छात्रावास में रखा गया है। कलोरा, बमोरी में सेना के दो कैंप बनाए गए हैं। जिससे आगे किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके।



पानी के बहाव में बहे दो मजदूरों की मौत, एक अन्य गायब, मकान गिरने से वृद्ध की भी गई जान ...

जिले में हो हुई लगातार मूसलाधार बारिश जानलेवा साबित हुई। मंगलवार को चार अलग-अलग हादसों में तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि एक अन्य अभी तक गायब है। पहला मामला गोपालपुरा तालाब के पास सामने आया, जहां तेज बारिश के चलते तालाब की पार तोडक़र पानी निकाला गया। उसी पानी के तेज बहाव में एक ग्रामीण बह गया। मृतक की पहचान सीताराम पाल निवासी मुहालपुर के रूप में हुई है। वह रोज की तरह काम पर निकला था, लेकिन लौट नहीं सका। देर शाम उसका शव रिलायंस पेट्रोल पंप के पास मिला। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया, हालांकि परिजनों ने प्रशासन पर शव वाहन उपलब्ध न कराने का आरोप लगाया है। दूसरी दुखद घटना कर्नलगंज इलाके की है, जहां मंगलवार शाम 5 बजे बारिश के कारण एक दो मंजिला मकान अचानक भरभराकर गिर गया। मकान के मलबे में दबने से शरीफ खान (50) निवासी मदीना मस्जिद के पीछे, मीट मार्केट के पास की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में घर के अन्य सदस्य भी घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बारिश से अब सिर्फ जनजीवन ही नहीं, बल्कि लोगों की आजीविका पर भी संकट गहराने लगा है। कर्नलगंज हादसे में मृतक का पूरा परिवार अब बेघर हो चुका है। बारिश के पानी में उनका सामान बह गया और जीवन यापन के साधन भी नष्ट हो गए। जिलेभर में ऐसे कई परिवार बारिश की त्रासदी से जूझ रहे हैं, जिन्हें प्रशासनिक मदद का इंतजार है। एक अन्य व्यक्ति की भी बहने से मौत हो गई। मृतक लक्ष्मीनारायण कोरी बांसखेड़ी विवेक केसर गैस एजेंसी पर कर्मचारी थे। गोदाम में काम कर रहे 7-8 कर्मचारी अंदर फंस गए। करीब 5 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी को निकाला गया, लेकिन कर्मचारी लक्ष्मीनारायण कोरी लापता हो गए। बुधवार सुबह उनका शव बीज निगम के खेत में मिला। जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। इसके अलावा 25 वर्षीय बबलू कुशवाह भी गायब बताया जाता है।

सिंधिया ने की कलेक्टरों संग वर्चुअल बैठक, राहत कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश ....

वहीं केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को गुना, अशोकनगर एवं शिवपुरी जिलों के कलेक्टरों के साथ वर्चुअल बैठक कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की।

सिंधिया ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित इलाकों में सुरक्षा, भोजन, शुद्ध पेयजल और चिकित्सा सुविधाएं तुरंत पहुंचाई जाएं। उन्होंने नाव, हेलीकॉप्टर सहित अन्य संसाधनों के उपयोग में तत्परता बरतने के निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि राहत कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने बताया कि वे केंद्रीय गृह और रक्षा मंत्रालय के सतत संपर्क में हैं तथा मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी लगातार संवाद कर रहे हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों व पार्टी कार्यकर्ताओं से सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की और प्रशासन को पारदर्शिता व जवाबदेही के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। सिंधिया ने कहा, प्रत्येक पीड़ित मेरे लिए परिवार का सदस्य है। इस संकट की घड़ी में मैं केवल सांसद नहीं, आपका अपना बनकर हर क्षण साथ खड़ा हूं।