प्रीपेड स्मार्ट मीटर के खिलाफ आंदोलन तेज, 22 जुलाई को गुना में महारैली का आयोजन



गुना [जनकल्याण मेल] बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटर के खिलाफ चलाए जा रहे जन आंदोलन को लेकर शनिवार को स्थानीय शास्त्री पार्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से आगामी 22 जुलाई को होने वाली महारैली की जानकारी दी और आम नागरिकों से इसमें शामिल होने की अपील की। एसोसिएशन के राकेश मिश्रा ने बताया कि पूरे देश की तरह गुना में भी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जिनका व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली जैसी बुनियादी सेवा को मुनाफे का जरिया बनाने की कोशिशें आम उपभोक्ता के हितों के खिलाफ हैं। लोकेश शर्मा ने कहा कि ये मीटर बिजली संशोधन विधेयक 2022 का हिस्सा हैं, जिसका पहले भी विरोध किया गया था। उन्होंने बताया कि आगामी 22 जुलाई को दोपहर 12 बजे शास्त्री पार्क से एक महारैली निकाली जाएगी, जो सदर बाजार और हाट रोड होते हुए बिजली कंपनी कार्यालय तक पहुंचेगी। यह रैली किसी पार्टी विशेष की नहीं, बल्कि आम उपभोक्ताओं की आवाज है।

एसोसिएशन के मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि इन मीटरों के पीछे सरकार की निजीकरण की नीति है। ये प्रीपेड सिस्टम पर आधारित हैं, जहां उपभोक्ता को मोबाइल रीचार्ज की तरह बिजली उपयोग के पहले ही भुगतान करना होगा। इससे मनमाने बिल वसूले जाएंगे। साथ ही, ये मीटर सेंट्रल रिमोट सिस्टम से ऑपरेट किए जाएंगे, जिससे बिजली कटौती पर उपभोक्ता का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि इन मीटरों से मिलने वाली सब्सिडी समाप्त हो जाएगी, जिससे आम उपभोक्ता को महंगी बिजली मिलेगी। इसके अलावा, अलग-अलग समय पर अलग-अलग टैरिफ लागू होने से उपभोक्ता को उस समय सबसे महंगी बिजली मिलेगी, जब उसे इसकी सबसे अधिक जरूरत होगी। इन मीटरों का किराया भी लगभग 25 हजार रुपये उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा।

पुष्पराग 'द्मद्गद्र्मं ने कहा कि जहां ये मीटर लग चुके हैं, वहां उपभोक्ता दुष्परिणाम झेल रहे हैं। गांव-गांव और मोहल्लों में विरोध जारी है। आनंद सक्सेना और रवि शर्मा बंजारा ने बताया कि दो वर्षों से इस मुद्दे पर काम किया जा रहा है। बीते 8 जुलाई को भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था। ट्रेड यूनियन नेता नरेंद्र भदौरिया ने अपील की कि 22 जुलाई को आयोजित महारैली में सभी आमजन शामिल हों और प्रीपेड स्मार्ट मीटर जैसी जनविरोधी योजना के खिलाफ एकजुट होकर विरोध दर्ज कराएं।