गुना [जनकल्याण मेल] दृष्टि गुना द्वारा पुस्तक लोकार्पण समारोह मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी भोपाल के निदेशक डॉ विकास दवे के मुख्य आतिथ्य, पेंशनर्स संघ के जिला अध्यक्ष घनश्याम श्रीवास्तव की अध्यक्षता और साहित्यकार सतीश चतुर्वेदी शाकुन्तल के सारस्वत आतिथ्य में पेंशनर्स पार्क गुना में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण से हुआ। तत्पश्चात नीलम कुलश्रेष्ठ ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की और पूर्वा प्रजापति ने बांसुरी वादन से समां बांध दिया। मंचासीन अतिथियों को मौली शुक्ला और आमनी जैन ने चंदन टीका एवं बैज लगाये। दृष्टि संस्था के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने स्वागत वक्तव्य देते हुए संस्था के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर तीन पुस्तकों जिनमें कनाडा के लेखक भारतेन्दु श्रीवास्तव की कृति महाभारत हिन्दी गान भाग एक और दो तथा शंकर राव मोरे की कृति शत्रुघ्न और श्रुतिकीर्ति खंडकाव्य का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि साहित्यकार डा सतीश चतुर्वेदी शाकुन्तल ने साहित्य की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए संस्था की प्रशंसा की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी भोपाल के निदेशक डा विकास दवे ने अपने उदबोधन में साहित्य और इतिहास के संबंध में सकारात्मक अवधारणा पर बल देते हुए कहा कि सनातन की परंपरा को स्वीकृति प्रदान करने वाले साहित्य की रचना भारत में ही नहीं बल्कि विदेशी भूमि में भी की जा रही है आज से सैकड़ो वर्ष पूर्व गए हमारे पूर्वजों ने वहां भारतीय भाषा कौशल स्थापित किया जो आज भी वहां स्थानीय स्तर पर देखे जाते हैं। सनातन परंपरा के ग्रंथों को आधुनिक पीढ़ी को सौंपने का प्रयास हम सबको करना होगा। अध्यक्षता करते हुए घनश्याम श्रीवास्तव ने कहा कि आज का यह आयोजन अपने आप में अनूठा और प्रेरणादायक रहा। इस तरह के आयोजन समाज में एक सकारात्मकता पैदा करते हैं। कार्यक्रम का सफल संचालन रनीश जैन ने एवं अंत में आभार जैनेन्द्र जैन ने प्रकट किया। संस्था अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह सेंगर एवं सचिव मिथलेश सेंगर ने मंचासीन अतिथियों को संस्था की ओर से उपहार भेंट किए। इस अवसर पर कैलाश नारायण बंसल, राधेश्याम श्रीवास्तव, हरिओम श्रीवास्तव, वीर सिंह भदौरिया, हरीश सोनी, एम के गौतम, मधुर कुलश्रेष्ठ, नीलम कुलश्रेष्ठ, अरविंद रघुवंशी, के एल नामदेव, शैलेन्द्र शर्मा, बाबू लाल जैन, शलभ शर्मा, प्रेम सिंह प्रेम, विष्णु साथी, धर्मवीर सिंह कुशवाह, रवि बंजारा, संजय खरे, महेश जैन, देवेंद्र सत्यार्थी, एस एन राजपूत, मधुकर वर्मा, एच एन वर्मा, विमला शर्मा, कमला शर्मा, डा शकुंतला प्रजापति, डा सोनू जैन, प्रमोद शर्मा, सियाराम श्रीवास्तव, श्याम सुन्दर श्रीवास्तव, आशीष सक्सेना, डा प्रीति सक्सेना, शरद सक्सेना, मौली शुक्ला आदि उपस्थित रहे।