साहब, कुत्ता सिर्रय्या गए, लरकन खौं गैंत रए, कैऊ ढोरन खौं पटा डारो गांव में पचासन कुत्ता पगलयाने फिर रए, पकरवा लो
टीकमगढ़ [जनकल्याण मेल] साहब, गांव में पचासन कुत्ता पगलयाने फिर रए। कैऊ कुत्ता सिर्रय्या गए। बाली बच्चा कढ़ नईं पा रए। कैऊअन खौं काट लऔ, सो बे तो अस्पताल पौंच गए। गांवकन की अबै लौं तौ कोऊ नईं सुन रऔ। साहब उनें पकरवा लो, जीसें गांवकन खौं परेशानी सैं बचाव जा सकै। जौ कैबौ है इतै के गांव कपासी बारन कौ। जिते इन दिनन कुत्तन कौ आतंक सौ छा गऔ। पलेरा अस्पताल में कुत्तन सैं चिथकें आए लरका बिटियन और आदमियन कौ इलाज करो जा रऔ। दस बार जनैं तो कुत्तन की चपेट में आ गए और गांवकन की मानें तौ कैऊ ढोर-बेछेरूअन खौं कुत्तन ने पटा डारो। इन दिनों कुत्तों को लेकर होने वाले विवाद और दहशत ने आम लोगों की अचानक चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में कुत्ता भौंकने से जहां दोहरा हत्याकांड का मामला सामने आया, तो वहीं इन दिनों एक गांव कुत्तों के आतंक से दहशत में बना हुआ है। बच्चों की हालत यह हो गई है कि उन्होंने स्कूल जाना तक छोड़ दिया है। अब तक हुई घटनाओं के बाद भी किसी प्रकार के ठोस कदम न उठाए जाने से लोगों की दहशत बरकरार बनी हुई है। बताया गया है कि जिलान्तर्गत बमोरी कला थाना अंतर्गत कपासी गांव में कुत्तों के झुंड ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। जानकारी के अनुसार करीब एक सप्ताह से ग्रामीण परेशान हैं। उन्होंने बताया कि गांव में करीबन 25 से 30 कुत्ते एक झुंड में निकलते हैं और रास्ते में मिलने वाले लोगों पर बच्चों पर और जानवरों पर हमला करते हैं, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं । दो दिन में घायलों की संख्या बड़ी है, इसमें करीबन 12 लोगों को कुत्तों ने घायल किया है, जिसमें बच्चे भी शामिल है ं। घायलों को इलाज के लिए पलेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां बच्चों व लोगों का उपचार किया गया। बुधवार के दिन सुबह से दो बच्चों सहित एक व्यक्ति का इलाज स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। उसके बाद 108 की मदद से जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया। कपासी निवासी कालीचरण लौधी ने बताया कि साहब कैऊ कुत्ता कपासी में सिर्रय्याने फिर रए। अबै नौं दस-बारा जनन खौं तौ काटई लऔ। बाली-बच्चा घर सैं नईं निकर पा रए। इसी प्रकार महिला हल्ली का कहना है कि पगलयानें कुत्तन में गांव की औरतन और आदमियन कौ निकरबौं मुश्किल कर दऔ। लरका स्कूल नईं जा पा रए। इसी प्रकार अरविंद अहिरवार निवासी रतवास ने कहा कि पलेरा अस्पताल में पांच-छै जनन कौ इलाज करो जा रऔ। बे खुदई कुत्तन की चपेट में आ गए ते। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार कुत्तों के आतंक से पूरा गांव परेशान है और बच्चे स्कूल जाने के लिए डर रहे हैं। वहीं लोगों ने खेतों पर जाना भी छोड़ दिया है। अचानक कुत्तों का झुंड हमला कर देता है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। जानवरों पर भी हमला किया जा रहा है, जिससे जानवर गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं और दहशत का माहौल गांव में बना हुआ है। प्रशासन से ग्रामीणों ने अपील की है कि इन पागल कुत्तों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए, ताकि कोई अप्रिय घटित ना हो। उन्होंने बताया कि लोग बाहर निकलने में भी डर रहे हैं।