जीवन बचाने वाले रामप्रसाद के साथ जिंदगी गुजारेगी अब काजल 8 दिन पहले ट्रेन के सामने कूंदकर कर रही थी आत्महत्या...










गुना [जनकल्याण मेल] आम तोर पर पारदी समाज के कुछ व्यक्तिओं को आपराधिक दृस्टि से देखा जाता रहा था. परन्तु उसी गुना जिले मे पारदी समुदाय के एक व्यक्ति एक अलग हीं आदर्श प्रस्तुत करने की राह पर आगे बढ़, पारदी समाज के प्रति धारणा बदलता दिखाई देने लगा है.

गुना में शुक्रवार को एक महिला और पुरुष अनोखे बंधन में बंध गए। कानून भले ही इस अनुबंध को विवाह की मान्यता फिलहाल नहीं देता हो, लेकिन नानाखेड़ी निवासी रामप्रसाद और गोपालपुरा की काजल एक-दूसरे को पति-पत्नि मान बैठे हैं।

दरअसल, गोपालपुरा निवासी काजल सहरिया अपने पूर्व पति के साथ खुश नहीं थी। काजल का आरोप है कि उसका पति बुरी तरह मारपीट करता था। इसलिए वह एक साथ ही 7 वर्षीय बच्ची साथ लेकर 13 मार्च को गुना आ गई और रेलवे ट्रैक पर कूंदकर अपनी जान देने का प्रयास कर रही थी। तभी किसी काम से रेलवे स्टेशन पर पहले से मौजूद नानाखेड़ी निवासी रामप्रसाद पारदी ने काजल को पकड़ लिया और पटरियों से दूर ले आए। रामप्रसाद ने काजल की दुखभरी कहानी सुनी तो उन्हें तरस आ गया और काजल को अपने घर ले गए। करीब 5 से 6 दिनों तक रामप्रसाद के परिजनों ने काजल की कहानी सुनकर उसके सामने रामप्रसाद से विवाह का प्रस्ताव रख दिया। रामप्रसाद पारदी की पत्नि का निधन करीब 8 महीने पहले टीबी की बीमारी के चलते हो गया था। उसका एक बेटा भी है। एक जैसी परिस्थितियां होने के चलते दोनों ने मिलकर तय किया कि वे एक-दूसरे का सहारा बनेंगे। फिलहाल रामप्रसाद और काजल ने शुक्रवार को कोर्ट पहुंचकर विवाह का अनुबंध करवा लिया था। दोनों नियमानुसार कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी करेंगे। लेकिन 21 मार्च से काजल और रामप्रसाद एक-दूसरे को पति-पत्नि मान बैठे हैं। दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का संकल्प लिया है। रामप्रसाद के परिजनों और रिश्तेदारों ने काजल को नव दाम्पत्य जीवन की शुभकामनाएं दी हैं। इस अनोखे रिश्ते को भले ही वैधानिक मान्यता नहीं मिली है, लेकिन समाज और परिजन दोनों को पति-पत्नि स्वीकार कर चुके हैं। रामप्रसाद से विवाह अनुबंध करने के बाद काजल के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान देखने को मिली है। वहीं रामप्रसाद पारदी भी नई जिम्मेदारी मिलने के बाद खुश नजर आ रहा है।